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जानिए चंद्रयान 3 की पूरी जानकारी और रहस्य - Chandryaan -3 Full Details

जानिए चंद्रयान 3 की पूरी जानकारी और रहस्य 

Chandryaan 3 Details:-  जैसा की आप सभी जानते है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा 14 जुलाई 2023, शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 02:35 बजे चंद्रयान 3 लॉन्च हुआ था। यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 23 अगस्त, 2023 को शाम 06:04 बजे सफलतापूर्वक लैंड कर दुनिया के इतिहास में अपना नाम रौशन किया। इसी प्रकार चंद्रयान-2 भारत ने 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा रेंज से भारतीय समयानुसार दोपहर 02:43 बजे सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया। चंद्रयान-1 भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 22 अक्टूबर 2008 को प्रक्षेपित किया। 



चंद्रयान 1 (Chandryaan 1) :-

Chandryaan 1

भारत का पहला मिशन, 22 अक्टूबर 2008 को सफ़लतापूर्वक श्रीहरिकोटा से  लॉन्च किया गया था। उस समय भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे।चंद्रयान 1 के लंच के समय इसरो के अध्यक्ष माधवन नायर थे। यह मिशन चंद्रमा के जिस सतह से टकराया उस पॉइन्ट का नाम 'जवाहर पॉइन्ट' दिया गया।


चंद्रयान 1 से संबंधित FAQ सवाल:-

चंद्रयान 1 का मिशन क्या था?

चंद्रयान -1 जो कि भारत का पहला चंद्रमा के लिए मिशन था यह 22 अक्तूबर 2008 को (PSLV-C11) द्वारा लंच किया गया था। यह यान अंतरिक्ष मे खो गया जिसके कारण यह मिशन समाप्त हो गया।

चंद्रयान 1 फेल क्यों हुआ?

चांद की सतह पर क्रैश-लैंड होने के कारण 14 नवंबर 2008 यह मिशन समाप्त हो गया।

क्या चंद्रयान 1 को चांद पर पानी मिला था?

जी नहीं! चंद्रयान 1 को चांद पर पानी नहीं मिला था लेकिन इसके रिपोर्ट के मुताबिक वहाँ पानी होने के सबूत मिले हैं।

चंद्रयान 1 के समय इसरो के अध्यक्ष कौन थे?

चंद्रयान 1 के समय इसरो के अध्यक्ष माधवन नायर थे।



चंद्रयान 2 (Chandryaan 2) :-

Chandryaan 2

चंद्रयान 2 का क्या नाम रखा गया?

चंद्रयान 2 के लैंडर का नाम विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया था, जो भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक हैं।

चंद्रयान 2 फेल क्यों हुआ?

चंद्रयान 2 को 22 जुलाई 2019 को प्रक्षेपित किया गया था, लेकिन यह सफल नहीं हुआ था क्योंकि लैंडर चंद्रमा से 2KM दूर था तब उसका contact टूट गया था।

चंद्रयान 2 मिशन कब लांच किया गया था?

चंद्रयान-2 आज से 4 साल पहले अर्थात 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था।


चंद्रयान -3 (Chandryaan-3) :-

● चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्र मिशन तथा चंद्रमा को सतह पर सॉफ्ट लैंडिग हेतु इसरो का दूसरा प्रयास था, जिसे इसरो ने सफलतापूर्वक लैंड किया।

चंद्रयान-3 मिशन ने 14 जुलाई, 2023 को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा (आंध प्रदेश) से उड़ान भरी

चंद्रयान-3 मिशन में स्वदेशी प्रोपल्शन मॉडयूल, स्वदेशी लैडर 'विक्रम' और स्वदेशी रोवर 'प्रज्ञान', चंद्रयान-2 मिशन के समान ही शामिल किये गये हैं।

● चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिग होते ही भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला विश्व का चौधा देश बन गया।

चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास स्थित मैजिनस यू क्रेटर के पास 40 दिनों की यात्रा के बाद 23 अगस्त 2023 को सायं 6 बजकर 4 मिनट पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिग की।

चंद्रयान-3 मिशन से संबंधित महत्त्वपूर्ण व्यक्ति :-

S. Somnathan :- ISRO Chairman




P. Beermudhuvel :- Chandrayaan-3 Project Director





Kalpana :- Deputy Project Director, Chandrayaan-3.


महत्वपूर्ण व्यक्ती से संबंधित FAQ सवाल  :-


चंद्रयान 3 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कौन है?

चंद्रयान 3 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल है। जिन्होंने चंद्रयान 3 में Project Director के पद पर होते हुए अपने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का निदेशक कौन है?

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर है। इन्होंने अंतरिक्ष मिशन में तकनीकी क्षमता को बढ़ावा देने पर खुलकर बोला है।


चंद्रयान-3 (Chandryaan-3) अन्य जानकारी:-

चंद्रयान-3 मिशन के रोवर प्रज्ञान के टायरों ने चंद्रमा के सतह पर भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के चिह्नों को बनाया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा कि है कि चंद्रमा पर जिस जगह चंद्रयान-3 मिशन का विक्रम लेंडर उतरा है, उसे 'शिव शक्ति पाइंट' कहा जायेगा तथा जिस स्थान पर चंद्रयान-2 मिशन के पदचिन्ह पड़े थे. उस स्थान को 'तिरंगा प्वाइंट' के नाम से जाना जायेगा। इस मिशन का अनुमानित बजट 615 करोड़ रुपये है।

● प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लैंडिग वाले दिन 23 अगस्त, 2023 को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' (नेशनल स्पेस डे) मनाने की घोषणा की।

29 अगस्त, 2023 को इसरो द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार चंद्रयान-3 मिशन के अंतर्गत प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर की मौजूदगी को पुष्टि की है।



चंद्रयान-3 की विशेषतायें एवं उद्देश्य :-


चंद्रयान-3 को तीन स्तरीय (ठोस, तरल व क्रायोजेनिक) लॉन्च व्हीकल मार्क-3 LVM3-M4 द्वारा लॉन्च किया गया।

लैंडर और रोवर का मिशन लाइफ, एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के लगभग 14 दिन) का होगा, क्योंकि लैंडर व रोवर दोनों ही सौर ऊर्जा पर कार्य करते हैं।

● चंद्रयान-3 के प्रणोदन मॉड्यूल में एक नवीन प्रयोग स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेट अर्थ (SHAPE) किया गया, जिसका लक्ष्य परावर्तित प्रकाश का विश्लेषण कर संभावित रहने योग्य छोटे ग्रहों की खोज करना है।


अंतिम शब्द  :-
 दोस्तो उम्मीद है आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको जानकारी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तो में शेयर ज़रूर करियेगा। 

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